बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार का नाम उन नेताओं में शुमार होता है, जो राजनीति के चतुर और कुशल खिलाड़ी माने जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में उन्होंने अपने गठबंधन और राजनीतिक स्थिति में कई बार बदलाव किए हैं, जिससे यह सवाल उठता है: "नीतीश किसके?"
नीतीश कुमार का राजनीतिक सफर
नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा 1980 के दशक से शुरू हुई थी। उन्हें जनता दल के नेता के रूप में पहली बार पहचान मिली। 1994 में, वे जनता दल (यू) के गठन के साथ महत्वपूर्ण भूमिका में आए। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में विकास, कानून व्यवस्था और सामाजिक सुधारों पर जोर दिया।
गठबंधन की बदलती राजनीति
नीतीश कुमार के राजनीतिक करियर की सबसे दिलचस्प बात उनके गठबंधन की बदलती राजनीति है। 2013 में, उन्होंने बीजेपी के साथ 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया और महागठबंधन (RJD और कांग्रेस) के साथ मिलकर 2015 के विधानसभा चुनावों में जीत हासिल की। लेकिन 2017 में, उन्होंने अचानक महागठबंधन से नाता तोड़कर बीजेपी के साथ पुनः गठबंधन कर लिया।
2024 के लोकसभा चुनाव और नीतीश का दांव
2024 के लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और नीतीश कुमार फिर से एक बार महत्वपूर्ण भूमिका में दिख रहे हैं। विपक्षी दलों का मानना है कि नीतीश एक बार फिर महागठबंधन की ओर रुख कर सकते हैं। लेकिन बीजेपी भी उन्हें अपने पक्ष में बनाए रखने के लिए प्रयासरत है।
नीतीश के सामने चुनौतियाँ
नीतीश कुमार के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे किस प्रकार अपने समर्थन को स्थिर रख पाते हैं। जनता के बीच उनका प्रभाव तो है, लेकिन उनके बार-बार गठबंधन बदलने से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं।
राजनीति में अवसरवाद या मजबूरी?
नीतीश कुमार की बार-बार गठबंधन बदलने की राजनीति को कुछ लोग अवसरवाद के रूप में देखते हैं, जबकि अन्य इसे उनकी राजनीतिक मजबूरी के रूप में समझते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि वे आने वाले समय में किस ओर रुख करते हैं।
तथ्य
1. गठबंधन परिवर्तन: नीतीश कुमार ने 2013 में बीजेपी के साथ 17 साल का गठबंधन तोड़ा था और 2017 में फिर से बीजेपी के साथ जुड़ गए।
2. बिहार के मुख्यमंत्री: नीतीश कुमार 2005 से 2022 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, जिनमें कुछ वर्षों के ब्रेक भी शामिल हैं।
3. राजनीतिक चतुराई: नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति का 'चाणक्य' भी कहा जाता है, जो अपनी राजनीतिक चतुराई के लिए प्रसिद्ध हैं।
निष्कर्ष
नीतीश कुमार की राजनीतिक रणनीति और गठबंधन की बदलती नीति ने बिहार की राजनीति को हमेशा ही रोचक बनाए रखा है। आगामी 2024 के चुनाव में उनका अगला कदम क्या होगा, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा। फिलहाल, बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में एक बार फिर यह सवाल उठता है: नीतीश किसके?