Saturday, September 14, 2024

Arvind Kejriwal: तिहाड़ जेल के दरवाजे और हनुमान मंदिर की यात्रा

एक नेता के दो पहलू

हाल के दिनों में, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर सुर्खियों में जगह बनाई है। एक तरफ, तिहाड़ जेल का दरवाजा उनके लिए खोला गया है, दूसरी तरफ, वह पूरी श्रद्धा से हनुमान मंदिर की यात्रा पर जा रहे हैं। यह विरोधाभास केजरीवाल के जीवन और राजनीति के दो अलग-अलग पहलुओं को दर्शाता है।

तिहाड़ जेल का मामला

केजरीवाल पर हाल ही में कुछ कानूनी मामले चल रहे हैं, जिनमें भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग जैसे आरोप शामिल हैं। दिल्ली में हुए शराब नीति घोटाले के तहत उनके खिलाफ जांच चल रही है। इसी के कारण उनके ऊपर सीबीआई और ईडी जैसी जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। ऐसे में तिहाड़ जेल की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि यह जांच उन्हें इस मुकाम तक ले जा सकती है।

हनुमान मंदिर की आस्था

दूसरी ओर, केजरीवाल की धार्मिक आस्था भी पिछले कुछ समय से लोगों के ध्यान में रही है। वह कई बार सार्वजनिक रूप से यह कह चुके हैं कि वह हनुमान जी के भक्त हैं, और कठिन समय में हनुमान जी से आशीर्वाद लेने का एक संदेश जनता तक पहुँचाते हैं। हाल ही में, उनके मंदिर में दर्शन करने के समाचार ने जनता का ध्यान आकर्षित किया है।

राजनीतिक रणनीति या व्यक्तिगत आस्था?

यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या केजरीवाल का हनुमान मंदिर जाना एक राजनीतिक रणनीति है, या यह उनकी निजी आस्था का हिस्सा है? उनके समर्थक इसे उनके धार्मिक विश्वास का प्रतीक मानते हैं, जबकि विरोधी इसे राजनीतिक चाल के रूप में देखते हैं। राजनीति में धर्म और आस्था का उपयोग एक पुरानी परंपरा है, और केजरीवाल इसका आधुनिक उदाहरण हो सकते हैं।

विशेष तथ्य:-

1. राजनीति और धर्म का संगम: केजरीवाल पहले ऐसे नेता नहीं हैं जिन्होंने राजनीति में धार्मिक आस्था का इस्तेमाल किया हो। भारत के कई नेता धर्म का सहारा लेते आए हैं, चाहे वह चुनावी समय हो या किसी संकट का दौर।


2. तिहाड़ जेल का डर: दिल्ली की राजनीति में तिहाड़ जेल का जिक्र एक गंभीर बात मानी जाती है। यह जेल उन नेताओं के लिए प्रतीक बन गई है जो भ्रष्टाचार और कानूनी मामलों में उलझ जाते हैं।


3. केजरीवाल की हनुमान भक्ति: केजरीवाल का यह दावा कि वह हनुमान जी के बड़े भक्त हैं, तब चर्चा में आया जब उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ किया था।

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